ख़बर शेयर करें -

रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग के समीप रैंतोली में एक वाहन दुर्घनाग्रस्त होकर 250 मीटर गहरी खाई में अलकनंदा नदी किनारे जा गिरा। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई। 10 की घटनास्थल में ही दम तोड़ दिया था। इसके अलावा दो की मौत जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग और दो की मौत एम्स ऋषिकेश में हुई है। हादसे में घायल 13 लोगों में सात का जिला चिकित्सालय में इलाज चल रहा है। जबकि 5 एम्स में भर्ती हैं।
हादसे का कारण वाहन चालक को झपकी आना बताया जा रहा है। साथ ही वाहन में सवार 23 लोगों में अधिकांश भी नींद में थे। शुक्रवार देर रात्रि को नई दिल्ली से अलग-अलग जगह के 23 युवाओं का दल टेंपो- ट्रेवलर में चोपता-तुंगनाथ-चंद्रशिला ट्रेकिंग के लिए रवाना हुआ था।
शनिवार को ऋषकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पूर्वाह्न लगभग 11.30 बजे वाहन रुद्रप्रयाग के समीप रैंतोली में अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बने आरसी पैरापिट तोड़कर सीधे गहरी खाई में अलकनंदा नदी किनारे जा गिरा। हादसे की सूचना पर प्रशाशन, पुलिस, जिला आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची और रेस्क्यू में जुट गईं।
मौके पर 10 लोग मृत मिले। अन्य 16 घायलों को लगभग दो घन्टे में गहरी खाई से सड़क में लाकर जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। घायलों में सात को गंभीर हालत के चलते केदारनाथ यात्रा में संचालित हेलिकॉप्टर से एम्स ऋषकेश रेफर किया गया। जहां, दो की मौत हो गई। इधर, जिला चिकित्सालय में भर्ती घायलों में भी दो की मौत हो गई। हादसे पर डीएम, एसपी ने गहरा दुख जताया है। दोनों अधिकारियों के नेतृत्व में घायलों का यथाशीघ्र उपचार दिलाया गया और कम से कम समय में गंभीर को हायर सेंटर रेफर किया गया।
दुर्घटनाग्रस्त वाहन चारधाम यात्रा का नहीं था। इसलिए वाहन का ट्रिप कार्ड नहीं बनाया गया था। साथ ही यात्रियों का पंजीकरण भी नहीं था। ट्रिप कार्ड व पंजीकरण की बाध्यता सिर्फ चारधाम वाहनों व यात्रियों के लिए है। बताया जा रहा है कि जब ब्रहमपुरी में वाहन को पंजीकरण जांच के लिए रोका गया तो चालक ने चोपता तुंगनाथ ट्रिप पर जाने की बात कही। जिस पर वाहन को चेक पोस्ट से छोड़ दिया गया। वाहन में सभी सवार युवा थे। जो चोपता-तुंगनाथ-चंद्रशिला की ट्रिप पर पर निकले थे। वाहन हरियाणा का था। जिसका एक साल पहले ही पंजीकरण किया गया था। वाहन के सभी दस्तावेज पूर्ण थे। वाहन में यात्री दिल्ली से बैठाए गए थे।

You cannot copy content of this page