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देहरादून। विजयदशमी के दिन साईबर थाना देहरादून/एसटीएफ उत्तराखण्ड देहरादून ने नेशनल इंश्योरेंस फ्राड के मास्टमाइन्ड को गिरफ्तार किया है। यह ठग एचडीएफसी, भारतीय एएक्सए ,आदित्य बिरला ग्रुप इंश्योरेंस के नाम से देश भर से सैकड़ो लोगों को इंश्योरेंस ठगी में अहम भूमिका निभा चुका है। बन्द पड़ी बीमा पोलिसी को जारी रखने हेतु IRDAI, NPCI और बीमा लोकपाल से बताकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का खुलासा किया गया।
एसटीएफ के मुताबिक साईबर थाने के 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी के मामले में गिरोह का मुख्य सरगना राष्ट्रीय साईबर अपराधी को नोएडा से गिरफ्तार किया। वह लगभग दो साल से पीडित का बैंक खाली कर रहा था। मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के निर्देशो के क्रम में प्रदेश के निवासियों को साइबर अपराधियों द्वारा जनता से ठगी करने वालो पर सख्ती कार्यवाही कर पुलिस महानिदेशक द्वारा एसटीएफ व साइबर पुलिस को प्रभावी कार्यवाही हेतु दिशा निर्देश दिये गये है ।

वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा IRDAI, NPCI और बीमालोकपाल के नाम का उपयोग कर लाखों रुपये की धोखाधडी की जा रही है ।

इसी क्रम में एक प्रकरण में साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर शिकायत प्राप्त हुयी जिसमें शिकायतकर्ता उमेश चन्द्र जोशी पुत्र स्व0 देवी दत्त जोशी निवासी 12 लेन नम्बर 6बी आर्शिवाद एनक्लेव बल्लूपुर थाना कैन्ट जनपद देहरादून को शिकायत दर्ज करायी कि कुछ वित्तीय कारणों से उनके द्वारा चलायी जा रही पॉलिसियों को जारी रखने में असमर्थ होने पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा अज्ञात मोबाईल से कॉल कर स्वंय को बीमा लोकपाल अधिकारी एवं एनपीसीआई अधिकारी बताते हुए अवगत कराया गया कि पॉलिसी एजेंट द्वारा उनको गुमराह किया गया है जांच करने पर जिसमें आपको रकम वापस की जानी है जिसकी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आपकी राशि वापस कर दी जाएगी । औपचारिकताओं की इस प्रक्रिया के दौरान अज्ञात व्यक्तियों द्वारा विभिन्न बैंक खातो में धोखाधड़ी से कुल 2927768 रुपए जमा करवाने सम्बन्धी शिकायत के आधार पर साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून उत्तराखण्ड पर मु0अ0स0 16/23 धारा 420/120बी भादवि व 66 डी आईटीएक्ट बनाम अज्ञात का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला के सुपुर्द की गयी।

अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु गठित टीम द्वारा विस्तृत तकनीकी जांच के बाद संदिग्ध अभियुक्त का बडौत बागपत उ0प्र0 व नोएडा से सम्बन्ध होना पाया गया जिसमें 23 अक्टूबर 2023 को गैर प्रान्त उ0प्र0 रवाना किया गया। पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से साक्ष्य एकत्रित करते हुये अभियोग में अभियुक्त गौरव अग्रवाल पुत्र विपिन अग्रवाल निवासी 25/392 काशीरामपुरा कालोनी थाना बडोत जनपद बागपत उ0प्र0 व हाल निवासी गोपाल अपार्टमेन्ट बेहरामपुर नोएडा उ0प्र0 उम्र- 28 वर्ष को नोएडा से गिरफ्तार किया गया तथा अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त 01 मोबाईल फोन INFINIX कम्पनी का बरामद किया गया ।
अभियुक्त द्वारा अपने साथियों से मिलकर जो व्यक्ति पोलिसी चलाने में असमर्थ हैं व पॉलिसी का प्रयोग नहीं कर रहे हैं उन व्यक्तियों की निजी जानकारी प्राप्त कर उनको विभिन्न माध्यमों से सम्पर्क करते हुए उनकी पॉलिसी की धनराशि उनको वापस करने का लालच देकर व IRDAI, NPCI और बीमालोकपाल के नामों का प्रयोग करते हुए अपराध कारित किया जाता है ।
गिरफ्तार अभियुक्त गौरव अग्रवाल पुत्र विपिन अग्रवाल निवासी 25/392 काशीरामपुरा कालोनी थाना बडोत जनपद बागपत उ0प्र0 व हाल निवासी गोपाल अपार्टमेन्ट बेहरामपुर नोएडा उ0प्र0 उम्र- 28 वर्ष का है। उसके पास से
एक अदद मोबाईल फोन INFINIX कम्पनी,एक चैक बुक पीएनबी बैंक
एक अदद आधार कार्ड – (अभियुक्त का), पेन कार्ड – (अभियुक्त का)
5. डेबिट कार्ड- 03 अदद विभिन्न बैंको के बरामद हुआ। पुलिस टीम में (साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून उत्तराखण्ड) के निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला, अपर उपनिरीक्षक सुनील भट्ट , महेश उनियाल , सोहन बडोनी,
पुलिस टीम में (एसटीएफ तकनीकि) हेड कांस्टेबल प्रमोद कुमार, कांस्टेबल मोहन असवाल, अनिल कुमार शामिल थे।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड आयुष अग्रवाल महोदय द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे Youtube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें व किसी भी अन्जान व्यक्ति के सम्पर्क में न आये अथवा न ही किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें। किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।

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