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रुद्रपुर। उत्तराखण्ड एसटीएफ के साईबर थाना कुमाऊँ परिक्षेत्र पुलिस द्वारा साइबर धोखाधडी के सरगना को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।अभियुक्त सोशल मीडिया साइट्स में विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों से धनराशि जमा करवाते थे। Eltasfund एप डाउनलोड़ कराकर पीडितों को उनके डेसबोर्ड में अधिक मुनाफे सहित धनराशि दिखाई जाती थी।अभियुक्त साइबर धोखाधड़ी हेतु दूसरें व्यक्तियों की आईडी से निर्गत कई सिमकार्ड्स व धनराशि बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे।
बताया कि दूसरे व्यक्तियों के नाम से फर्जी कम्पनियों के दस्तावेज बनाकर बैंक खातों को खोल कर इनका प्रयोग किया जाता है। संदिग्ध का 1.4 करोड़ से अधिक की धनराशि का लेनदेन प्रकाश में आया है।अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त बैंक खाते के 01 मोबाइल फोन, 06 चैक बुक, 06 पासबुक, बैंक चैक, 06 डेबिट कार्ड, विभिन्न कम्पनी के 33 सिम कार्ड, फर्जी मुहर व पेमेन्ट हेतु प्रयुक्त QR स्केनर (बेवेक्स बॉक्स) आदि सामान बरामद किया गया है।
एसटीएफ के एसएसपी के मुताबिक
मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी के विजन सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण” के अन्तर्गत व पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार के दिशा निर्देशन में साइबर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये साइबर पीड़ितों को न्याय दिलाया जा रहा है । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एक प्रकरण जनपद नैनीताल निवासी द्वारा18-06-2024 में दर्ज कराया गया, बताया कि विगत दिनों उन्हें एक व्यक्ति द्वारा एक व्हाट्स ग्रुप में जोड़ा गया जिनसमें स्टाक इन्वेस्टमेन्ट में काफी पैसा कमाने का लालच देकर Eltasfund एप्लिकेशन डाउनलोड़ कर इन्वेस्ट करने हेतु बताया गया । इस एप्लिकेश में लगभग 90 लाख रुपये की धनराशी धोखाधड़ी से जमा करायी गयी ।

साइबर अपराधियों द्वारा नये जारी होने वाले शेयर में अधिक मुनाफे का लालच दिया गया तथा इसमे निवेश करने पर वादी को कुछ ही दिनों मे 90 लाख रूपये की धनराशि को मुनाफे सहित 2 करोड़ रूपये की धनराशि उनके डेसबोर्ड में प्रर्दशित की गयी । प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ द्वारा विवेचना प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राईम अरूण कुमार को सुपुर्द करते हुये अभियोग के अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये । साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/मोबाइल नम्बर/जीमेल तथा वाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, मेटा तथा गूगल कम्पनियों से डेटा प्राप्त किया गया । प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में दूसरे व्यक्तियों के नाम से आवंटित मोबाइल सिम कार्ड बैंक खातों का प्रयोग किया गया है तथा दिल्ली, गुजरात, कॉलकाता, हरियाणा, उत्तर प्रदेश आदि राज्यो के विभिन्न बैंक खातो में धोखाधड़ी से धनराशि प्राप्त की गयी है ।

विवेचना के दौरान साईबर पुलिस टीम द्वारा अभियोग में प्रकाश में आये बैंक खातो तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन कार्यवाही किये जाने पर बैंक खाते व सिम फर्जी आई0डी0 पर संचांलित होने पाये गये । पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र करने पर भवतीका हेल्थ केयर प्रा0 लि0 नाम से रजिस्टर्ड फर्म संचालित कर स्थानीय लोगों को इलाज हेतु नर्सिग स्टाफ उपलब्ध कराने की आड़ में ट्रेडिग का धन्धा करने वाले मास्टर मांइड निवासी वार्ड नं0 02 अग्रवाल मण्डी टटीरी देहात थाना व जनपद बागपत उ0प्र0 हाल निवासी खसरा नम्बर 23/6 ए ब्लाक राधा कृष्ण मन्दिर रोड स्वरूपनगर दिल्ली से गिरफ्तार किया गया । जिसके कब्जे से गिरफ्तारी के दौरान घटना में प्रयुक्त बैंक खाते के 01 मोबाइल फोन, 06 चैक बुक, 06 पासबुक, बैंक चैक, 06 डेबिट कार्ड, विभिन्न कम्पनी के 33 सिम कार्ड, फर्जी मुहर व पेमेन्ट हेतु प्रयुक्त QR स्केनर (बेवेक्स बॉक्स)* आदि सामान बरामद हुए है । साईबर पुलिस की जांच पड़ताल में अभियुक्त के मोबाइल फोन में कई ईमेल एकाउन्ट, बैंक खातों, फर्जी फर्म/कम्पनियों के नाम फोटो व दस्तावेज आदि बरामद हुये है ।
अभियुक्त द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन प्रसारित कर लिंक के माध्यम से वाट्सअप ग्रुप में जोड़ कर ऑनलाईन ट्रेडिंग करने तथा मोबाइल फोन में Eltasfund एप्लिकेशन डाउनलोड़ कर नये शेयर के जारी होने वाले (IPO) में तीन गुना तक का मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्ट के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी । अपराधी द्वारा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों में प्राप्त कर उक्त धनराशि को एटीएम के माध्यम से निकासी प्रयोग करते है ।
अभियुक्त द्वारा उक्त कार्य हेतु फर्जी सिम व फर्जी खातों का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है । पीड़ित को लालच का झांसा देने के लिये मोबाइल एप्लिकेशन में मुनाफे की धनराशि पीडित को उसके डैसबोर्ड पर दिखायी देती थी । पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि मैं उसने कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर बैंक खाते खोले है जिनका प्रयोग वह खुद भी है तथा अपने गैंग के ऊपरी सदस्यों को बैंक खाते अहमदाबाद गुजरात में उलब्ध कराता था जिसके बदले में प्रत्येक खाते 40 हजार से 01 लाख तक की धनराशि कमीशन के रूप में तथा साईबर अपराध के माध्यम से अर्जित धनराशि में भी 10 से 20 प्रतिशत तक का कमीशन प्राप्त किया जाता था। बैंक खातो में लिक मोबाइल नम्बर तथा ईमेल आई0डी0 को इटंरनेट बैंकिट के लिये प्रयोग करता था । विवेचना के दौरान अभियुक्त द्वारा भवतिका हेल्थ केयर प्रा0लि0 के नाम से खोले गये खाते के विरूद्ध विभिन्न राज्यों 11 ऑनलाईन शिकायते भी दर्ज होनी पायी गयी है। अभियुक्त से बरामद सिम कार्ड, डेबिट कार्ड, चैक बुक व पास बुक का प्रयोग कर और किसी प्रकार के अपराध तो दर्ज नहीं जिस हेतु अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है।

प्राथमिक विश्लेषण पर गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गुजरात, केरला, महाराष्ट्र के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में कुल 11 ऑनलाईन शिकायतें भी दर्ज होनी पायी गयी।
गिरफ्तारी पुलिस टीम में निरीक्षक अरूण कुमार, उप निरीक्षक दिनेश पन्त,अपर उपनिरीक्षक सत्येन्द्र गंगोला, हेड कांस्टेबल मनोज कुमार, सोनू पाण्डे, कांस्टेबल मो0 उस्मान शामिल थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड आयुष अग्रवाल द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे Youtube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें व किसी भी अन्जान व्यक्ति के सम्पर्क में न आये अथवा न ही किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें। किसी भी अन्जान कॉल आने पर लालच में न आये, अन्जान कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना / दस्तावेज न दें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।

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