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संपादक अजय अनेजा।

रुद्रपुर लालकुआं। फर्जी बिलिंग दिखाकर करोड़ों रुपयों का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लेकर अपनी जेब भरने वाली तीन कंपनियों के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। मैन पावर सप्लाई में आईटीसी क्लेम नहीं हो सकता है, लेकिन इन तीनों फर्मों ने दूसरे सामान की खरीद-बिक्री दर्शाकर करोड़ों की आईटीसी ले ली। राहुल कांट्रेक्टर के फर्जी बिल पर अफसरों की नजर पड़ी तो पूरा मामला खुला। जांच के दायरे में इस फर्म के साथ दो अन्य फर्में भी आई हैं। बताया जा रहा है कि लंबे समय से आईटीसी के फर्जीवाड़े का खेल करने वाली तीनों फर्मों पर करोड़ों रुपये का जुर्माना लग सकता है।राज्य जीएसटी की केंद्रीय अभिसूचना इकाई ने स्थानीय अधिकारियों के साथ बृहस्पतिवार को नैनी प्लाइवुड प्राइवेट लिमिटेड, राहुल कांट्रैक्टर और अमित इंटरप्राइजेज पर छापामारी की। फर्जी बिलिंग से ली जा रही करोड़ों रुपये की आईटीसी मामले में हुई इस कार्रवाई के बाद तीनों फर्मों ने दो करोड़ रुपये जमा करा दिए थे। सूत्रों के अनुसार तीनों फर्में एक दूसरे से जुड़ी हैं। केंद्रीय अभिसूचना इकाई बीते कुछ समय से फर्मों की कुंडली खंगाल रही थी। राहुल कांट्रेक्टर फर्म ने मूल काम मैन पावर सप्लाई के बजाय दूसरे सामान की खरीद बिक्री दर्शाकर आईटीसी ली तो अफसरों की नजर पड़ गई। अधिकारियों ने पड़ताल के बाद छापा मारा तो मामले का खुलासा हो गया। अफसरों की मानें तो जांच के बाद फर्मों पर करोड़ों का जुर्माना हो सकता है। फिलहाल मामले की जांच देहरादून की केंद्रीय अभिसूचना इकाई के पाले में है।राज्य जीएसटी की केंद्रीय अभिसूचना इकाई ने स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से ये कार्रवाई की थी। केंद्रीय अभिसूचना इकाई अभिलेख, सर्वर सहित अन्य चीजों को अपने साथ ले गई है और वहीं टीम अब जांच कर रही है। पूरे मामले में बड़ी गड़बड़ी है और इसकी जानकारी मामले की जांच कर रही केंद्रीय अभिसूचना इकाई ही दे सकती है।-बीएस नगन्याल, अपर आयुक्त, राज्य कर विभाग

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