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रुद्रपुर। नाबालिग से गैंगरेप के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीएससी) संगीता आर्या की अदालत ने चार आरोपियों को दोषी कराकर देकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों पर 1.50 लाख रुपये का अर्थदंड किया है।

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक (दांडिक) उमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि पीड़िता की मां ने थाना आईटीआई काशीपुर में तहरीर देकर बताया था कि वह सब्जी बेचकर परिवार चलाती है, जबकि उनका बेटा और बहू खेतों में काम करते हैं। घटना 19-20 अगस्त 2020 की मध्यरात्रि की है, जब घर पर केवल उनका पति और नाबालिग बेटी मौजूद थे। इसी समय चार युवक वेद प्रकाश उर्फ मोहित उर्फ गोलू निवासी सुभाष नगर वैशाली कॉलोनी, मयंक शर्मा उर्फ पंडित निवासी श्यामा पुरम, धीर सिंह निवासी हल्दुआ थारी रामनगर और अजय कुमार निवासी चिल्किया टांडा रामनगर छत से कूदकर घर में घुस गए। आरोप है कि चारों ने महिला के पति और नाबालिग को नशीला पदार्थ सुंघाकर बेहोश किया और फिर नाबालिग के साथ गैंगरेप किया।

वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने मौके पर घटना को चोरी दिखाने का प्रयास भी किया, ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके। वहीं महिला की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। मामला अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीएससी) संगीता आर्या की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने, साक्ष्यों के अवलोकन के बाद अदालत ने चारों आरोपियों को दोषी करार देकर सजा सुनाई।

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