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कोटद्वार। अपर सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत ने साल 2020 में हुए हत्याकांड में आरोपी पिता-पुत्र को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

एडीजीसी(क्रिमिनल) जितेंद्र रावत ने बताया कि 19 मार्च 2020 को जामा मस्जिद के सामने दो भाइयों के बीच हुए विवाद में बीच में कूदे भतीजे ने चाचा पर हथौड़े और रॉड से हमला कर दिया था। जिसमें चाचा की मौत हो गई थी। उसके बाद मृतक की पत्नी अजमी की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। गंगादत्त जोशी मार्ग निवासी दो भाइयों सादाब और इदरीश दोनों पुत्र महफूज अली की नजीबाबाद रोड पर जामा मस्जिद के पास दुकान थी। गंगादत्त जोशी मार्ग पर इनके खाली पड़े प्लॉट पर पहले एक व्यक्ति फड़ लगाता था। आरोप है कि छोटे भाई सादाब ने बड़े भाई इदरीश से खुद फड़ लगाने की बात की थी, जिस पर दोनों भाइयों में पहले कहा सुनी हुई और इसके बाद नौबत हाथापाई तक जा पहुंची। दोनों भाइयों में लड़ाई बढ़ती देख इदरीश का पुत्र कफील बीच में कूद पड़ा और उसने चाचा सादाब के सिर पर रॉड और हथोड़े से वार कर दिया था। तब झगड़े में दोनों भाइयों को गंभीर चोट आ गई थी। परिजनों द्वारा दोनों को राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार पहुंचाया था जहां डाक्टरों ने इदरीश को भर्ती कर लिया और सादाब की गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया था। उसी दौरान ऋषिकेश एम्स ले जाते समय सादाब ने रास्ते में दम तोड़ दिया था।

एडीजीसी जितेन्द्र रावत ने बताया कि कफील और उसके पिता इदरीश को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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