रुद्रपुर। सिडकुल की एक नामी कंपनी के अधिकारी से आईपीओ और शेयर मार्केटिंग के नाम पर 1.99 करोड़ रुपये की साइबर ठगी कर ली गई। गुरुवार को पीड़ित की तहरीर पर साइबर थाना पुलिस पंतनगर ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
मूल रूप से महाराष्ट्र हाल ओमेक्स सोसाइटी रुद्रपुर निवासी एक व्यक्ति ने साइबर थाना पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह सिडकुल की एक बड़ी कंपनी में अधिकारी है। कुछ माह पूर्व उन्होंने फेसबुक पर एक स्टॉक मार्केटिंग का विज्ञापन देखा था। विज्ञापन पर क्लिक करने पर उनको सीधे एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। यहां शेयर मार्केटिंग संबंधी लुभावने ऑफर दिखाए जाते थे। ग्रुप में अन्य लोग भी जुड़े और उनको शेयर मार्केटिंग के बारे में समझाया गया। उनकी सहमति देने के बाद उनको एक और ग्रुप से जोड़ा गया और ग्रुप एडमिन ने खुद को कस्टमर सर्विस मैनेजर बताया। इसके बाद एक लिंक भेजकर उनको एक एप डाउनलोड कराया गया। वहीं ट्रेडिंग करने के लिए कस्टमर सर्विस मैनेजर के बताए हुए बैंक खाते में रकम जमा करना शुरू कर दिया।
इसके बाद अलग-अलग किस्तों में उन्होंने एक करोड़ के आईपीओ और शेयर खरीदे। इसका प्रॉफिट चार्ट करीब 10 करोड़ रुपये दिखाया गया। इसी बीच, उनको एक और विज्ञापन दिखाकर शेयर खरीदने की सलाह दी गई। उन्होंने काफी शेयर खरीदे। लेकिन जब उन्होंने रकम निकालने की कोशिश की तो रकम उनके खाते में नहीं आई। 11 जून से 19 अगस्त तक उन्होंने आईपीओ और शेयर में 1 करोड़ 99 लाख 76 हजार रुपये लगाए। बाद में ठगी का पता चला।
पीड़ित के मुताबिक, करोड़ों का निवेश करने के बाद उन्होंने आगे शेयर खरीदने में असहमति जताई। इस पर उन्हें एप से लोन लेने की सलाह दी गई। साथ ही बताया गया कि लोन की धनराशि जमा करने के बाद ही शेयर में हुए लाभ का भुगतान हो सकेगा। इस पर वह लोन की रकम भिन्न-भिन्न खातों में जमा करते रहे। जब उन्होंने धनराशि निकालने की कोशिश की तो एप लॉक हो गया। इसके बाद उनको ठगी का अहसास हुआ।
साइबर थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साइबर थाना पुलिस पीड़ित की ओर से रकम ट्रांसफर किए गए खातों की डिटेल खंगाल रही है।
पीड़ित के मुताबिक, साइबर ठग ने उनके व्हाट्सएप नंबर पर एक लिंक भेजकर एक नामी फाइनेंस कंपनी का फर्जी एप डाउनलोड कराया था। कंपनी भारतीय शेयर मार्केट में निवेश का काम करती थी। साइबर ठग ने उसकी हूबहू कॉपी की थी। इस पर विश्वास कर उन्होंने रकम लगाना शुरू किया था।