देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ ने 11 कत्लों का कातिल और दो लाख रूपये के ईनामी को गिरफ्तार किया है। उत्तराखण्ड एसटीएफ एवं बिहार एसटीएफ की संयुक्त कार्यवाही में यह दो लाख रुपए का ईनामी धर दबोचा। इस कुख्यात अपराधी पर 27 मुकदमें हैं। इनमें हत्या, लूट, रंगदारी, बलवा आदि के मामले हैं।
इस कुख्यात की तलाश में पिछले 02 साल से बिहार पुलिस ने शहर दर शहर- छान लिए थे। उत्तराखण्ड एसटीएफ ने राह आसान कर दी।
उत्तराखण्ड एसटीएफ में नवनियुक्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत भुल्लर ने उत्तराखण्ड एसटीएफ का प्रभार लेते ही सभी कुख्यात अपराधियों को स्पष्ट चेतावनी दे दी गयी है कि उत्तराखण्ड को किसी तरह से अपराधियों की शरण स्थली नहीं बनने देंगे। इसी क्रम में उनके द्वारा अपनी एसटीएफ टीमों को कड़े दिशा निर्देश निर्गत किये जा चुके हैं।जिसके क्रम में अवगत कराया कि 6.9.2024 को बिहार राज्य की एसटीएफ द्वारा साझा की गई सूचना पर थाना रानी तलब, पटना में दर्ज अपराध धारा 302/34/120 बी आईपीसी एवं अन्य कई मामलों में वांछित 2 लाख के इनामी अपराधी रंजीत चौधरी पुत्र स्वर्गीय रामाधार चौधरी निवासी बेलापुर थाना उदवंत नगर जिला बिहार को थाना लक्ष्मण झूला, जनपद पौड़ी क्षेत्र से देर रात में उत्तराखंड एसटीएफ और थाना लक्षमझुला जनपद पौड़ी पुलिस के साथ एक संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया है। यह अपराधी लक्ष्मण झूला क्षेत्र में एक होटल में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ ठहरा हुआ था। इस अपराधी के विरुद्ध बिहार एवं झारखंड राज्य में करीब 27 मुकदमे पंजीकृत हैं, जिसमें से 11 रंजिशन हत्या, सुपारी लेकर हत्या और शेष 16 मुकदमें लूट,रंगदारी, फिरौती, हत्या का प्रयास और बलवा के पंजीकृत हुये हैं। यह अपराधी इतना कुख्यात है कि विगत 2 वर्ष पहले ही थाना रनिया पटना बिहार क्षेत्र में थाने के बाहर ही एक खनन व्यवसायी को गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसमे ये अपराधी वांछित चल रहा था।
इस अपराधी की गिरप्तारी हेतु अपर पुलिस महानिदेषक बिहार पटना द्वारा 02 लाख रूपये का ईनाम घोषित किया गया है। यह इतना कुख्यात अपराधी है कि इसकी गिरप्तार हेतु बिहार पुलिस द्वारा साथ एक विषेष कार्यबल दस्ता राज्य स्तर पर बनाया गया है।
गिरप्तार अभियुक्त रंजीत चौधरी पुत्र स्वर्गीय रामाधार चौधरी निवासी बेलापुर थाना उदवंत नगर जिला बिहार को थाना लक्ष्मण झूला, जनपद पौड़ी में पकड़ा।
अभियुक्त द्वारा पूछताछ में बताया गया कि वह 12 वीं पास है। उसके गांव में उनके परिवार की रंजिश हो गयी थी, जिसके कारण से उसके भाई और पिता की हत्या हो गयी थी जिस पर उसके द्वारा अपने पिता और भाई की हत्या में शामिल लोंगों की पहले हत्या की गयी और फिर अन्य लोगों की हत्या पैसंे लेकर करने लगा। उसके पश्चात अपने जनपद भोजपुर और पड़ोसी राज्य झारखण्ड में भी खनन के काम करने लगा। खनन के व्यवसाय में कई लोंगो की हत्या की गयी और कई पर हत्या करने का प्रयास किया गया। इसके अलावा रंगदारी और फिरौती के लिये अपहरण भी करता था।
एस टी एफ व पुलिस टीम में इंस्पेक्टर अबुल कलाम,
उपनिरीक्षक यादवेंद्र बाजवा,. उपनिरीक्षक विद्या दत्त जोशी, अपर उपनिरीक्षक संजय मल्होत्रा,
हेड कांस्टेबल संजय कुमार, महेन्दर नेगी, कांस्टेबल मोहन असवाल,
थाना लक्ष्मणझूला जनपद पौड़ी पुलिस के रवि कुमार प्रभारी लक्ष्मण झूला,अपर उपनिरीक्षक सुरेंद्र, हैड कांस्टेबल रोहित, सुदर्शन,जितेंद्र मालिक, एसटीएफ बिहार के मो. मुश्ताक निरीक्षक कांस्टेबल दीपक कुमार भारती,रत्न कुमार निरंजन कुमार नरेश पासवान शामिल थे।