ख़बर शेयर करें -

बेंजामिन नेतन्याहू को मालूम है कि जब युद्ध ठहर जाएगा, तब इजराइल के अंदर उनसे सात अक्टूबर 2023 को हुई सुरक्षा चूक और गजा में अंधाधुंध सैनिक कार्रवाई की उनकी रणनीति को लेकर अनेक गंभीर सवाल पूछे जाएंगे। फिलस्तीनियों के खिलाफ युद्ध ना रोकने की जिद अब इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को भारी पडऩे लगी है। सभी तरफ यह अहसास गहरा चुका है कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए नेतन्याहू युद्ध को लंबा खिंच रहे हैं। नेतन्याहू को मालूम है कि जब युद्ध ठहर जाएगा, तब इजराइल के अंदर उनसे सात अक्टूबर 2023 को हुई सुरक्षा चूक और गजा में अंधाधुंध सैनिक कार्रवाई की उनकी रणनीति को लेकर गंभीर सवाल पूछे जाएंगे। जब युद्ध शुरू हुआ, तब नेतन्याहू कथित न्यायिक सुधारों को लेकर देश में घिरे हुए थे। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इससे संबंधित कानून को रद्द कर दिया। इससे उनकी राजनीतिक स्थिति और कमजोर हो गई है। इस बीच बिना किसी सैनिक उद्देश्य गजा में कत्ल-ए-आम जारी रखने की उनकी रणनीति ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके समर्थकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गजा में 25 हजार से अधिक फिलस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमे आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं। 62 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। वहां की 85 प्रतिशत आबादी बेघर हो चुकी है।

इसलिए भले ही दिखावटी तौर पर, लेकिन अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन को भी अब संकेत देना पड़ रहा है कि वह गजा में इजराइली कार्रवाई रोकना चाहता है। इस बीच यूरोपियन यूनियन ने एक विशेष बैठक बुलाई है, जिसके लिए तैयार एजेंडे में सदस्य देशों से यह कहा गया है कि वे नेतन्याहू को यह संदेश दें कि फिलस्तीनियों के लिए अलग संप्रभु राज्य के गठन के लिए तैयार नहीं होने पर उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में दक्षिण अफ्रीका की याचिका पर हुई कार्यवाही पहले ही इजराइल और उसके समर्थक देशों की छवि को बेहद मलीन कर चुकी है। उधर एक अमेरिकी अखबार के मुताबिक इजराइल में अब उद्विग्नता का माहौल है। सैन्य विशेषज्ञ  यह दो टूक कह रहे हैं कि हमास को जड़ से उखाडऩे की नेतन्याहू की घोषणाएं दिवास्वप्न हैं। इसी माहौल का परिणाम बीते सप्ताहांत देखने को मिला, जब हजारों इजराइली नेतन्याहू विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए सडक़ों पर उतर आए। यह नेतन्याहू के हाथ से डोर फिसलने का ठोस संकेत है।

You cannot copy content of this page