नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल और सोबन सिंह जीना (एसएसजे) विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के बीच शिक्षकों और कर्मचारियों के बंटवारे के फैसले को रद कर दिया है। हाईकोर्ट ने शिक्षक और कर्मचारियों की इच्छा को ध्यान में रखते हुए नए सिरे से विकल्प मांगने को कहा है।
एसएसजे विवि अल्मोड़ा के डॉ. नंदन सिंह और छह अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि 2020 में कुमाऊं विवि के सोबन सिंह जीना परिसर को नया विवि बनाए जाने का निर्णय लिया गया। वर्ष 2021 को कार्मिकों के बंटवारे के लिए दोनों विवि की एक कमेटी बना दी गई। कमेटी ने निर्णय लिया कि जो कर्मचारी जहां तैनात हैं, वह वहीं के कर्मचारी माने जाएंगे। इस फैसले पर 2022 में प्रदेश सरकार ने भी अपनी मुहर लगा दी। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। वहीं कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता पशु नहीं हैं। बंटवारे से पहले उनसे विकल्प लिया जाना चाहिए था।