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हरिद्वार। दहेज हत्या के नौ साल पुराने मामले में एडीजे कोर्ट ने आरोपी पति के अलावा उसकी मां, चाचा, बहन, बहनोई सहित सभी छह लोगों को बीस-बीस साल की सजा सुनाई है। विवाहिता की मौत शादी के डेढ़ साल बाद ही हो गई थी। कोर्ट ने चार दिन पहले ही सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया था।

एडीजे द्वितीय (हरिद्वार) कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता राजकुमार ने बताया कि 2013 में भिक्कमपुर, लक्सर के केशोराम की बेटी मंजू की शादी पीतपुर, लक्सर के राजेश पुत्र धीर सिंह से हुई। जून 2014 में मंजू को बेटी हुई। 4 माह बाद अक्तूबर 2014 में मंजू की मौत हो गई। ससुरालियों ने तब मौत का कारण हैजा बताया, इसलिए शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ।

अंतिम संस्कार के दो-तीन हफ्ते बाद राजेश 4 माह की बच्ची व दहेज में मिली कार केशोराम के घर छोड़ गया। अक्तूबर 2015 में सर्दी शुरू होने पर केशोराम पीतपुर से बच्ची के गर्म कपड़ों का संदूक लाए। संदूक में मृतक मंजू के लिखे दो पत्र मिले, जिसमें उसने ससुरालियों पर 5 लाख के दहेज के लिए मारपीट करने का आरोप लगाया था। इस पर केशोराम ने पुलिस को तहरीर दी। वहां कार्रवाई न होने पर वे कोर्ट गए।

कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मृतका के पति राजेश, उसकी मां ज्ञानवती, चाचा इंद्राज निवासी पीतपुर, उसकी बहन फूल समंदरी, बहनोई महेंद्र निवासी लालपुर, खानपुर और राजेश की दूसरी बहन के ससुर मेघराज पुत्र मुखराम निवासी वार्ड – 1 निवासी लक्सर गांव पर दहेज हत्या का मुकदमा लिखा था। इसमें विवेचना के बाद पुलिस ने सभी के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट को भेजी थी। हरिद्वार एडीजे द्वितीय कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता के अलावा सतीश दत्त शर्मा और आरोपी पक्ष से अधिवक्ता उत्तम सिंह चौहान, आनंद प्रकाश त्यागी ने जिरह की। ट्रायल में कोर्ट ने दोनों पत्रों की हैंडराइटिंग जांच कराई। इसमें पत्र मंजू के लिखे हुए पाए गए। इस पर कोर्ट ने सभी 6 लोगों को दोषी मानकर शुक्रवार को निर्णय सुनाया।

सरकारी अधिवक्ता ने बताया आरोपी राजेश व उसकी मां ज्ञानवती को दहेज हत्या में 20-20 साल की सजा हुई है। जबकि आरोपी इंद्राज, महेंद्र, फूल समंदरी व मेघराज को दहेज हत्या, षड्यंत्र रचने और अपराध के लिए उकसाने की धारा में 20-20 वर्ष की सजा दी गई है। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने सभी 6 अभियुक्तों को 13 अगस्त 2024 में दोषी करार देकर जेल भेज दिया था। उनकी सजा का आदेश भी जेल भेज दिया गया है।

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